अध्यात्म

सकारात्मक सोच की शक्ति : Power of Positive Thinking in Hindi

सकारात्मक सोच की शक्ति : Power of Positive Thinking in Hindi, सकारात्मक सोच की शक्ति – क्या है, ये कैसे कार्य करती है ? इसका उपयोग कैसे करें ? इसके लाभ क्या हैं ?

बहुत सारे लोग रोजमर्रा के जीवन की समस्यायों के सामने हर मान लेते हैं, वे संघर्ष करते हैं और मुँह बनाकर शिकायत भी करते हैं और यह मान लेते हैं कि जिंदगी में उनकी किस्मत खराब है, हो सकता है कि कई लोगों की किस्मत खराब होती हो, परन्तु एक ऐसा तरीका है, एक ऐसा भाव है, जिसके सहारे हम अपनी बदकिस्मती को काबू में रख सकते हैं और यहां तक उसे हटा भी सकते हैं I आपको तब तक हरने की जरूरत ही नहीं है जब तक कि आप खुद न हारना चाहें I

सकारात्मक सोच की शक्ति : Power of Positive Thinking in Hindi

इतनी बड़ी और ताकतवर शक्ति को कुछ लोग तो जानते भी नहीं हैं और जो जानते हैं वे इस शक्ति का इस्तेमाल भी नहीं कर पाते I यहां इस लेख में हम आपको सकारात्मक सोच की शक्ति के बारे में बताएँगे जिसे हर किसी को जानना चाहिए, इसके साथ ही हम यह भी बताएँगे की इस शक्ति का उपयोग कैसे करें I अतः आप इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें जिससे कि आपको इस अनमोल शक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके I

सकारात्मक सोच की शक्ति : Power of Positive Thinking in Hindi

Power of Positive Thinking सकारात्मक सोच की शक्ति एक ऐसी शक्ति है, जिसके दम पर कोई भी कुछ भी हासिल कर सकता है I सकारात्मक सोच की शक्ति से कोई बिना पैरों के हिमालय पर चढ़ सकता है I सकारात्मक सोच की शक्ति इंसान के लिए एक अनमोल शक्ति है, यह शक्ति सभी के अन्दर होती है, बस जो इस शक्ति का इस्तेमाल करता है वह कुछ भी हासिल कर लेता है वहीँ जो इस शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर पाता वह खुद को और दूसरों को पूरे जीवन कोसता ही रहता है I

सकारात्मक सोच होती क्या है ?

किसी भी तरह की घटना और मुश्किल में अच्छे यानि सकारात्मक विचार आना सकारात्मक सोच कहलाती है I “आपकी सोच, आपकी दुनियाँ बदल सकती है” I

क्या आप जानते हैं कि दुनियां के सफल और खुश लोग हमेशा क्या – क्या और किस – किस के बारे में सोचते हैं ? आईये बताते हैं – वे लोग अपना ज्यादातर समय सिर्फ यही सोचने में व्यतीत करते हैं, अपना सारा ध्यान इसी पर (सकारात्मक सोच की ओर) लगते हैं कि वो क्या – क्या चाहते हैं, और जो कुछ भी वो चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए वो क्या – क्या करें ?

जबकि अन्य लोग अपना ज्यादातर समय नाकारत्मक सोच के साथ बस यही सोचने में व्यतीत करते हैं कि जो हम चाहते हैं वो हमे क्यों नहीं मिल रहा, मेरे साथ ही क्यों बुरा होता है, आगे और कितना बुरा होगा, क्या नहीं मिला, क्यों नहीं मिला आदि सभी विचार नकारत्मकता से भरे हुए एहते हैं I

मतलब यह है कि उनकी सोच ज्यादातर नकारात्मक विचारों पर ही केंद्रित रहती है जिसके परिणाम स्वरूप वे सिर्फ नकारात्मकता को ही आकर्षित करते हैं I आकर्षण के नियमानुसार आप जो सोचते हैं वह आप बन जाते हैं Iदिन भर में जिस तरह के विचार आपके मन में, आपके भीतर चलते हैं आप उसी तरह की ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और वैसी ही घटना आपके साथ घटित होती है I

आप अच्छा सोचेंगे, तो आपके साथ अच्छा होगा, अगर आप बुरा सोचेंगे तो आपके साथ बुरा होगा I इसलिए हमेशा अच्छा ही अच्छा सोंचें अपनी सोच को सकारात्मक बनायें I

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सकारात्मक सोच की शक्ति कार्य कैसे करती है ?

दुनियां के महान विद्वानों तथा वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि शक्ति सकारात्मक सोच या नकारात्मक सोच में नहीं है बल्कि शक्ति तो सोच में होती है I

सर्वप्रथम हम ये समझते हैं कि हमारे पास सोच, विचार (Thoughts) आते कहाँ से हैं ? दुनियां के महान विद्वानों तथा वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि ब्रम्हाण्ड की एक लाइब्रेरी है (Universal Libray) और हम जितने भी विचार/सोच लाते हैं वो सभी उसी लाइब्रेरी से आते हैं, उससे बहार कुछ भी नहीं है I उनके अनुसार आप जो भी विचार (चाहे सकारात्मक या नकारात्मक) 45 सेकेण्ड से ज्यादा समय तक पकड़ कर रखते हैं या यूँ कहिये कि आप जिस भी विचार के बारे में सोचना शुरू करते हैं, आपकी सोच की शक्ति उसी तरह के और विचारों को ब्रम्हाण्ड की लाइब्रेरी से आकर्षित करते हैं और चारो ओर उसी तरह की ऊर्जा बढ़ने लगती है I

अब चाहे आप सकारात्मक सोचें या नकारात्मक, यह ऊर्जा विश्लेषण, भेद – भाव या सही – गलत कुछ भी नहीं जानती है, यह ऊर्जा सिर्फ उस विचार के समान और विचारों को आकर्षित कर उन्हें शक्ति प्रदान करती है I इसीलिए कहा जाता है कि हमेशा सकारात्मक ही सोंचें क्योंकि जब भी आप सकारात्मक सोचना शुरू करते हैं तो आपकी सोच की शक्ति ब्रम्हाण्ड की लाइब्रेरी से उसी तरह के बहुत से विचारों को आकर्षित करके उनमे ऊर्जा बढाती है और उन्हें ताकतवर करती है I

आपने यह अवश्य महसूस किया होगा कि जब भी आप नकारात्मक सोचते हैं तो उसी तरह के विचार आते ही जाते हैं और अंततः आपके साथ वैसा ही घटित हो जाता जैसा कि आप सोच रहे हैं I

Power of Positive Thinking का उपयोग कैसे करें

ऐसा कहा गया है कि “विचार ही वस्तुएं हैं”, जिनमे असाधारण शक्ति भरी हुयी है I जब हम देखते हैं कि उनमें कितनी शक्ति है तो हम इस निष्कर्ष से तत्काल सहमत हो जाते हैं, आप सचमुच अपने आपको किसी स्थिति में मान सकते हैं या किसी स्थिति से बाहर मान सकते हैं, आप अपने विचारों से अपने आपको सचमुच बीमार बना सकते हैं, इसी तरह भिन्न तरीके के विचारों और उपचारक विचारों से अपनी बीमारी को ठीक भी कर सकते हैं I

एक तरह से अगर आप सोचते हैं तो उस तरह की परिस्थितियों को आकर्षित करते हैं जो उस नजरिये में निहित होती हैं, दूसरी तरह से अगर आप सोचते हैं तो आप बिलकुल ही अलग तरह की परिस्थितियों का निर्माण कर लेते हैं, परिस्थितियों से आपके विचार बनते हैं, इसके बजाय यह कहना ज्यादा ठीक होगा कि आपके विचारों के अनुरूप परिस्थितियां बनती हैं I

अपनी परिस्थितियों को बदलने के लिए सबसे पहले आपको तरह से सोचना शुरू करना चाहिए, हाँथ पर हाँथ रखकर असंतोषजनक परिस्थितियों को स्वीकार न करें बल्कि अपने मस्तिष्क में आदर्श परिस्थितियों की तस्वीर बनायें, इस तस्वीर को बनायें रखें, इसे पुरे विस्तार से विकसित करें, इसमें विश्वाश करें, इसके बारे में प्रार्थना करें, इस पर काम करें और आप इसे हकीकत में उसी अनुरूप बदल देगें जो आपके सकारात्मक चिंतन द्वारा बानी मानसिक तस्वीर थी I

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Power of Positive Thinking से लाभ

आपकी स्थिति आज चाहे जो हो, आप इसे सुधार सकते हैं, सबसे पहले तो अपने मन को शांत क्र लें ताकि आत्मा की गहराई से आपको नई प्रेरणा और नए विचार मिल सकें, विश्वाश करें कि ईश्वर आपकी मदद कर रहा है, उललब्धि की तस्वीर बनायें, अपने जीवन का आध्यात्मिक आधार मजबूत कर लें ताकि ईश्वर के सिद्धांत आपके भीतर काम सकें I अपने मन में असफलता के बजाय सफलता की तस्वीर बिठा लें, अगर आप ये सब करेंगे, तो आपके मस्तिष्क में रचनात्मक विचार उन्मुक्तता से प्रवाहित होने लगेंगे यह एक अद्भुत नियम है, एक ऐसा नियम जो किसी का भी जीवन बदल सकता है, आपका भी, चाहे आपकी राह में कितनी भी मुश्किलें हों, नए विचारों के प्रवाह से आप हर मुश्किल को दूर कर सकते हैं I

हमारे अन्तर्मन की शक्ति और सोच ही असली है, बाहर का शरीर मात्र एक काल्पनिक रूप है जो हमको इस दुनिया में एक ढाँचा देता है I

आप तब तक अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते, जब तक उसे प्राप्त करने के बारे में सोचते नहीं

किसी कार्य को करने के लिए सबसे पहले अपने मन को इसके लिए तैयार करना होगा, अगर आप कहोगे कि हम नहीं कर सकते तो आप कभी भी नहीं कर सकोगे I कम से कम एक बार करने की कोशिश तो करो, जो आप करना चाहते हो, लेकिन याद रहे ईमानदारी से, उसी समय नहीं लेकिन आने वाले कल में आपको उसका नतीजा जरूर मिलेगा, जो आप आज कर रहे हैं I

ये सिर्फ एक विचार ही नहीं ये सच्चाई है, “हमारी सोच बनती है हकीकत“, अगर हम सोचेंगे कि हम नहीं कर सकते तो हम सच में नहीं कर सकते, अगर हम हाँ कहें तो हमारे पास जीतने के मौके होंगें I कम से कम इस बात की संतुष्टि तो होगी कि आपने एक बार प्रयास किया, आप सब कुछ कर सकते हैं, आप अपने जीवन के मालिक हैं इसलिए इसे अपने अनुसार जियें I सकारात्मक सोंचें, सकारात्मक रहें अपनी मन की शक्ति को पहचाने, एक दिन ये दुनियां आपकी होगी I

Ashish Agnihotri

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