Management Lesson from Ramayan I मैनेजमेंट के 13 Lessons, जो रामायण काल में प्रयोग किये गए थे और आज भी उतने ही उपयुक्त हैं I
हर कोई व्यापारी यह चाहता है कि उसका बिजनेस बिना किसी रूकावट से बढ़ता रहे और उसमे कभी भी मंदी ना हो और इसी के लिए वह समय – समय पर कई सारी मैनेजमेंट बुक्स और मैनेजमेंट गुरु के हिसाब से अपना बिजनेस, कस्टमर और अपनी अपनी इंडस्ट्री की नयी – नयी जानकारी लेते रहता है I इसमें आश्चर्य की बात तो यह है कि एक तरफ कुछ बिजनेस गुरु किसी एक तरीके को सफल बिजनेस का जिम्मेदार बताते हैं तो वहीँ कुछ दूसरे बिजनेस गुरु कोई और बात बताते हैं I
ऐसा संभव है कि देश काल और पात्र के सबसे सफल बिजनेस करने के तरीके बदल सकते हैं, लेकिन क्या कोई ऐसा तरीका है जिस पर इन तीनों बातों का कोई असर नहीं होता है, और वह हमेशा यही बिजनेस सिद्धांतों की वजह से सतत उन्नति और प्रगति के मार्ग पर चल सके I
आज हम आपको भगवान राम के जीवन से जुडी कुछ ऐसी बातें बातएंगें – अगर आप उन सिद्धांतों को अपने बिजनेस में सम्मलित करते हैं, तो निश्चित रूप से आपका बिजनेस बढ़ेगा ही नहीं बल्कि जैसे गहरी जड़ें पेंड़ को मजबूत बनती हैं,उसी तरह व्यापारिक जगत के उतार – चढ़ाव में भी उन्नति करता रहेगा I
रामायण सिर्फ एक कहानी ही नहीं है बल्कि प्राचीन काल में ऋषि – मुनियों द्वारा धर्म और कर्म का पालन करने के महत्त्व को समझाने के लिए उपयोग किये जाना वाला एक शैक्षणिक माध्यम भी है, रामायण में कई उल्लिखित घटनाएं और उनसे मिलने वाली सीख कई प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों में प्रबंधन और अधिकार को पढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किये जाते हैं –
भगवान राम जी का लक्ष्य निर्धारित था कि उनको अपनी पत्नी सीता को बचाना है और दुष्टों का नाश करना है, और यही लक्ष्य उन्होंने अपनी सेना के अन्दर भी भरा था कि युद्ध का मकसद देवी सीता को रावण की कैद से आजाद कराना है I
सीख क्या मिलती –आज व्यापारिक जगत में भी कम्पनी के हर व्यक्ति को अपने निर्धारित लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए, यदि नीचे से लेकर ऊपर की पोजीशन पर कार्यरत सभी लोग अपने – अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगें तो कम्पनी को शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता है I
रामायण में रावण एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है, जैसे – जब रावण की पत्नी मंदोदरी, भाई विभीषण और दादा ने उससे देवी सीता को राम जी को वापस करने के लिए कहा था किन्तु उसने अपने अंहकार में उनकी एक न सुनी, उसने उनकी बात सुनी जो उनको भगवान राम के विरुद्ध भड़का रहे थे और यही उसके विनाश का कारण बना I
सीख क्या मिलती – आज भी कुछ लोग अपने ईगो में बनते हुए कामों को बिगाड़ने में लगे रहते हैं और मुंह की खाते हैं उनके लिए रावण का अंत सबसे बड़ी सीख है I
रामायण में सुग्रीव को काफी सुनियोजित तरीके से काम करते दिखाया गया है, रामायण के अनुसार सुग्रीव सर्वोत्तम प्रबंधकीय विशेषताओं के धनी थे, रामायण में सुग्रीव और बाली के युद्ध में उनकी जीत एक सफल प्रबंधक होने की निशानी है, सुग्रीव की कुशलता को देखते ही भगवान राम ने इस युद्ध में उनकी योजना के अनुसार ही काम किया था अगर सुग्रीव एक अकुशल प्रबंधक होते, तो शायद अंगद उनके सबसे बड़े दुश्मनों में से एअक होते लेकिन बाली पुत्र अंगद उनके साथ थे I
सीख क्या मिलती –कहा जाता है कि बिजनेस अच्छे सम्बन्धों से चलता है, एक सफल प्रबंधक व्ही होता है जिसे सभी एम्प्ल्योईज और क्लाइंट्स के साथ अच्छे सम्बन्ध होते हैं और सफल प्रबंधक ही अपनी कम्पनी के लिए अच्छा कार्य करता है I
लंका में माता सीता को खोजने के बाद, हनुमान जी ने अपनी इच्छानुसार रावण की सोने लंका को जला कर राख कर दिया था लेकिन भगवान राम, हनुमान जी के इस निर्णय से काफी दुःखी थे, जिसके बाद हनुमान जी ने किसी भी तरह के निर्णय लेने बंद कर दिए, हनुमान जी की निर्णय लेने की क्षमताओं को सुधारने के लिए राम जी को खुद को पूरे परिदृश्य से हटाना पड़ा I
युद्ध के दौरान रावण, भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले गया, केवल हनुमान जी के पास ही उनको बचाने की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति थी, हनुमान जी ही राम – लक्ष्मण को दुष्ट रावण के चंगुल से बचाकर लाये और हनुमान जी को अपनी शक्तियों एहसास हुआ और हनुमान जी एक सफल नायक बन पाये I
सीख क्या मिलती – ठीक इसी तरह व्यापारिक जगत में भी एक लीडर के सामने ऐसा वक्त आता है जब उसको अपने जैसे कई दूसरे लीडर्स तैयार करने होते हैं, इसमें सबसे बड़ा काम होता है अपने आस – पास काम करने वालों को अच्छे और सफल निर्णय लेने को प्रेरित करना ताकि आगे चलकर वो भी एक अच्छे प्रबंधक बन सकें I
रामायण के अनुसार जब सुग्रीव ने देखा कि राक्षस से लड़ते हुए बाली एक गुफा में गया और एक वर्ष तक राक्षस और बाली में से कोई भी बहार नहीं आया, तो सुग्रीव को लगा कि शायद दोनों ने एक दूसरे को मार दिया है और वापस अपने राज्य किष्किन्धा आकर सुग्रीव ने बाली की पत्नी तारा से विवाह कर लिया I
जब बाली वापस आया तो उसने सुग्रीव को राजसिंहासन पर बैठे डेक कर सोचा कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने सुग्रीव को बिना बात किये और समझे युद्ध के लिए ललकार दिया, यहां दो भाईओं सुग्रीव और बाली के बीच प्राणघातक शत्रुता का कारन आपस में बात न करना बना I
सीख क्या मिलती -किसी भी तरह के प्रबंधन और मैनेजमेंट में कभी भी किसी तरह के मिसकम्युनिकेशन को नहीं आने देना चाहिए वरना परिणाम उम्मीद के विपरीत ही आते हैं इसलिए एक प्रबंधक को हमेशा अपने एम्प्लाईज के साथ बात करते रहना चाहिए I
रामायण में राक्षसों की सेना देवताओं की सेना से ज्यादा शक्तिशाली नहीं थी लेकिन फिर भी उन्होंने देवताओं और शक्तिशाली राजाओं को पराजित किया था वही भगवान राम की सेना में ऐसे सैनिकों का समावेश था जो आदिवासी जनजाति के थे जिन्होंने कभी पहले इतनी शक्तिशाली और परिष्कृत सेना का सामना नहीं किया था I
बावजूद इसके राम जी को अपनी सेना पर पूरा विश्वास था उनको अपनी सेना की क्षमताओं के बारे में सब कुछ ज्ञात था और इसी आत्मविश्वास के बूते वानर सेना रावण की शक्तिशाली सेना पर भारी पड़ी और विजय प्राप्त की I
सीख क्या मिलती – इससे यह सीख मिलती है कि पहले महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को निर्धारित करें और फिर अपनी टीम को उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित करें I
जब राम जी को चौदह वर्ष का वनवास दिया गया तो देवी सीता और अनुज लक्षमण ने भी उनके साथ जाने का निर्णय लिया, उन्होंने इस अवसर को चुनौती की तरह स्वीकार किया, उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो भी अपनी प्रजा के साथ उनकी तरह रहकर जीवन को समझना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने ऐशो – आराम को छोड़ दिया I
सीख क्या मिलती – आज मॉडर्न मार्केटिंग में भी पहले उपभोक्ता की जरुरत को समझने के लिए एक्सक्यूटिब्स लोगों से मिलते हैं, उनके विचारों और अनुभवों को समझते हैं उसके बाद उपभोक्ता की जरुरत के हिसाब से प्रोडक्ट बनाते हैं I
माता सीता की खोज की योजना को हनुमान जी ने क्रियान्वित किया था जिस चतुराई और ज्ञान के साथ वे सीता जी खोज करते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं, वो एक सफल और बुद्धिमान नायक का उदहारण है I समुद्र को पार करते वक्त उन्होंने मैनाक पर्वत द्वारा थोड़ी देर विश्राम करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था I
सीख क्या मिलती – जिस तरह से हनुमान जी ने सुनिश्चित किया था कि वो माता सीता का पता लगाकर रहेंगें, ठीक उसी तरह एक प्रबंधक को भी पहले अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहिए उसके बाद विश्राम करने के बारे में सोचना चाहिए I
रामायण में भगवान राम जितने कुशल नायक थे, रावण उतना ही बुरा था, समय – समय पर रावण ने एक अकुशल राजा होने के संकेत दिए, जिसके कारन उसके पूरे साम्राज्य का सर्वनाश हो गया, शुरुआत से ही रावण ने अपने प्रबंधकों के सुझावों को नजरन्दाज किया और राम के साथ युद्ध की स्थिति में मृत्यु प्राप्त की I
सीख क्या मिलती – एक अच्छा प्रबंधक वो होता है जो अपने प्रतिद्वंदियों से भी अपना काम निकाल सकता है क्योंकि वो अपने साथ काम करने वाले लोगों के सुझावों को भी सुनता है, और अमल करता है, खासतौर पर तब जब कम्पनी को उनकी सबसे ज्यादा जरुरत होती है, लेकिन ये रावण का कुप्रबंधन ही था जिसकी वजह से उसकी सेना का सबसे बुद्धिमान और कुशल सेनापति विभीषण बीच युद्ध में उसको छोड़कर भगवान राम से जा मिला I
देवी सीता की खोज में हनुमान जी का लंका जाना रामायण का वो हिस्सा है, जिसमे मैनेजमेंट के सिद्धातों का उपयोग साफ – साफ दिखाई देता है I हनुमान जी उद्देश्य लंका जाकर देवी सीता तक श्री राम जी सन्देश पहुँचाना था, जब इस बात की पुष्टि हो गयी थी कि देवी सीता लंका में ही हैं, तब जामवंत जी ने हनुमान जी उनकी ताकत और शक्तियों का अहसास करा कर लंका जाने के लिए प्रेरित किया I
सीख क्या मिलती – जामवंत जी का हनुमान जी को प्रेरित करना एक प्रबंधक का सबसे अच्छा उदहारण है, जो अपने सहकर्मियों का परिचय उनकी क्षमता से कराता है फिर उसकी क्षमता के अनुसार कार्यों को करने में उसकी मदद करता है I
लंका पहुँच कर सबसे पहले हनुमान जी ने वहां की स्थिति का पूरा विश्लेषण किया, उन्होंने लंका की ताकत और कमजोरियों का आंकलन किया, रावण के इलाके में उनके ऊपर कई तरह के खतरे थे, तो कई अवसर भी थे, हनुमान जी अपनी बुद्धि और कुशलता से सब कुछ समझा और उसके बाद ही कुछ किया I
सीख क्या मिलती -ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरा यानी SWOT (Strength,Weakness,Opportunities And Threats) का आंकलन आज के मैनेजमेंट का सबसे जरुरी हिस्सा है, सबसे पहले लक्ष्य को या जो कार्य दिया गया है, आपको उसको समझना जरुरी है फिर इसके लिए मानसिक रूप से तैयार होना और उसके लिए सही योजना बनाना है, सबसे बाद में अपने प्रतिद्वंदी की ताकत और कमजोरियों का पता लगाना जरुरी है और उससे सम्बन्धित खतरों और अवसरों को समझना चाहिए I
रामायण में लंका तक पुल बनाने वाले घटनाक्रम में जब पत्थर पानी में डूबे जा रहे थे तब पत्थरों पर राम नाम लिखा गया, जिसके बाद बहरी – बहरी और बड़े – बड़े पत्थर भी पानी पर तैरने लगे थे और आराम से काम समय में लंका तक पुल तैयार हो गया इसके बाद कहा गया था कि राम नाम से बड़ा कोई नाम नहीं है I
सीख क्या मिलती – पत्थर डूब रहे थे क्युओंकी उन पर राम नाम अंकित नहीं किया गया था, आज के समय में अगर देखा जाये तो ब्रांड का नाम बाजार में चलता है और ब्रांड से बड़ा ब्रांड के मालिक का नाम भी होता है, कोई प्रबंधक तब बहुत खुश होता है जब उसको उसकी कम्पनी के नाम से पहचाना जाता है I
राजा दशरथ राम जी को अयोध्या के राज सिंघासन पर बैठना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था, सबसे बड़े पुत्र होने के कारण पहले से ही जनता ने राम जी को अपना राजा मन लिया था और जब वनवास काट कर राम जी वापस अयोध्या आये थे तब उन्होंने ही राज – पाठ संभाला था और इससे सीख लेकर राम जी ने अपने दोनों पुत्रों लव – कुश में राज्य बराबर बांटा था I
सीख क्या मिलती – ठीक उसी प्रकार सभी कुशल प्रबंधन वाली कम्पनियाँ भी यही सुनिश्चित करतीं हैं कि उनके टॉप परफॉर्मर्स के कैरियर और भविष्य के विकास की योजना सीधे उत्तराधिकार योजनाओं से जुड़ीं हों I इसलिए अच्छे लीडर्स को हमेशा अपनी टीम के बेस्ट परफॉर्मर्स के स्किल को बढ़ाने और निखारने में मदद करनी चाहिए ताकि उनकी अनुपस्थिति में कम्पनी को कोई नुकसान न हो I
रामायण हिन्दू धर्म के लिए बहुत पवित्र है और इसमें सिर्फ जीवन ही नहीं अपितु जीवन के अलग – अलग पड़ावों के बारे में सीख मिलती है I
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