CHANAKYA NITI : किसी को परखना हो तो रखें इन बातों का ध्यान I
आचार्य चाणक्य ने अपने और परायों की पहचान कैसे करें, इसके कुछ अहम बातों का जिक्र अपने नीति शास्त्र में किया है, इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी बातों का या चीजों क्व बारे में बताने जा रहे हैं, जो ये बताती हैं कि आप अपने या परायों की पहचान तुरंत कैसे कर सकते हैं I
जीवन में सुख और दुःख का आना और जाना लगा रहता है, लेकिन कभी – कभी ऐसी परिस्थितियाँ भी सामने आ जाती है जिनके बनने के पीछे कहीं न कहीं हम स्वयं कारण होते हैं, हमारी सोच और हमारा व्यवहार कई मायनों में अहमियत रखता है, इसके अलावा हमारे आस – पास मौजूद लोगों का व्यवहार हमारे प्रति कैसा है, ये भी हमें जान लेना चाहिये क्योंकि ये चीजें भी हमारे जीवन में आने वाले उतार चढाव का कारण होती हैं I
आज का समय कलयुग माना जाता है और इसमें लोग अपनों के बीच भी पराये जैसा महसूस करते हैं I CHANAKYA NITI में आचार्य चाणक्य ने अपने और परायों की पहचान कैसे करें इसके लिए कुछ अहम् बातों का जिक्र अपने नीति शास्त्र में किया है
CHANAKYA NITI की बात करें तो आपको बता दें कि ये इतनी कारगर है कि आज भी लोग इसे अपने जीवन में अपनाने से पहले संकोच नहीं करते हैं, इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी बातों या चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ये बताती हैं कि आप अपने या परायों की तुरंत पहचान कैसे कर सकते हैं जाने इसके बारे में –
CHANAKYA NITI में आचार्य चाणक्य का कहना है कि घमण्ड और स्वार्थ में चूर इंसान से हम सभी को दूर रहना चाहिए साथ ही ऐसे भाव अपने अंदर भी नहीं आने देना चाहिए I आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति स्पष्प्ट होते हैं, भले ही वे अपने खारेपन की वजह से दूसरों की नजर में बुरे हो जाएँ लेकिन वे मन के काले नहीं होते, अगर कोई व्यक्ति सच बोलता है और हमेशा बिना किसी डर के सच के साथ रहता है तो आपको उसके संपर्क में अवश्य रहना चाहिए, CHANAKYA NITI में आचार्य कहते हैं कि जो निःस्वार्थ आपका भला करे और स्पष्प्ट रहे वही परायों में अपना होता है I
CHANAKYA NITI में चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी का व्यक्तित्व अच्छा है तो उसके अन्दर हमेशा त्याग का भाव जरूर होगा, किसी को परखने के लिए ये देखें कि वह चीजों को त्यागने की क्षमता अपने अन्दर रखता है या नहीं, ऐसे व्यक्ति से सम्बन्ध बनाकर न रखें जो आपके दुःख में खड़ा न हो, हमेशा उन्ही के संपर्क में रहें जो हर स्थिति में साथ दें और त्याग करने में पीछे न हटें I
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी को परखना हो कि वह स्वार्थी होने के साथ – साथ धोखेबाज नहीं है इसके लिए सामने वाले को कुछ पैसे देकर देखें अगर वह समय पर उन्हें वापस कर देता है तो आपको उसके साथ सम्पर्क रखना चाहिये इसके आलावा स्वार्थी और लालची मनुष्य सदा आपसे पैसे लेने या खर्च करवाने की कोशिश करेगा, अगर आप हर बार ऐसा महसूस करते हैं तो ऐसे व्यक्ति से दूरी बना लेना ही बेहतर होता है I
CHANAKYA NITI में जीवन को सफल बनाए के लिए कई बातें बताई गयी हैं, इन बातों और नीतियों को अपनाकर मौश्य अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकता है I
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