महाभारत काल में महात्मा विदुर को सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में गिना जाता था। यही कारण कि उनकी नीतियों को वर्तमान समय भी पढ़ा और सुना जाता है

विदुर नीति में जीवन में सफलता कैसे पाई जाए, इस विषय में विस्तार से बताया गया है। इसके साथ महात्मा विदुर ने 'व्यक्ति को किस तरह अपना जीवनयापन करना चाहिए' इसके विषय में भी बताया है

विदुर नीति के भाग में आइए जानते हैं कि किस प्रकार के व्यवहार के कारण व्यक्ति को समाज में मुर्ख कहा जाता है।

जो व्यक्ति अपने सच्चे दोस्तों और परिवार के सदस्यों को दुःख देता है व ईर्ष्या करता है और दुष्ट व्यक्ति से दोस्ती करता है।

ऐसा ही व्यक्ति हमेशा बुरे कर्मों में लिप्त रहता है और ऐसे ही व्यक्ति को मुर्ख कहा जाता है

इसलिए सज्जन व्यक्ति को दुष्ट लोगों की संगती से दूर रहना चाहिए और अपने परिवार के विचारों का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता अपने-आप प्राप्त हो जाती है और समाज में कुल का नाम ऊंचा होता है।

जो व्यक्ति हर समय अनावश्यक कामों में लिप्त रहता है और सभी को संदेह की दृष्टि से देखता है। साथ ही जल्दी खत्म हो जाने वाले कार्य को लम्बे समय तक टालता रहता है, ऐसे ही व्यक्ति को मूर्ख कहा जाता है

इसलिए श्रेष्ठ व्यक्ति कभी भी अपना समय अनावश्यक कार्यों में नहीं बर्बाद करता है और वह सभी को समान दृष्टि से देखता है ।

व उनके साथ अच्छा व्यवहार करता है। इसलिए ऐसे ही व्यक्ति को समाज में मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है