गीता जीवन जीने की सही राह दिखाती है, गीता की बातों का अनुसरण करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है, गीता में हर समस्या का हल छिपा है
गीता में दिए उपदेश मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं, गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि जीवन में समस्याएं किन कारणों से आतीं हैं और उनका हल क्या है ?
गीता के अनुसार मनुष्य की गलत सोच ही जीवन की एकमात्र समस्या है वहीं सही ज्ञान ही सभी समस्यायों का अंतिम समाधान है
गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को अपने मन पर विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि ये बार बार मनुष्य को दगा देता है, मन के बजाय कर्म पर ही केंद्रित रहना चाहिए
श्री कृष्ण कहते हैं कि प्रेम ही जीवन का आधार है, जिसके जीवन में प्रेम है उसी के जीवन में शांति है क्योंकि शांति प्रेम में निहित है अगर प्रेम नहीं है तो बहुत कुछ पा लेने के बाद भी संतुष्टि नहीं मिलेगी
श्री कृष्ण बताते हैं कि मनुष्य के मन में जब अंहकार, ईर्ष्या और द्वेष पूरी तरह घर कर जाये तो मनुष्य का पतन निश्चित होता है, यह सारी वृत्तियाँ दीमक की तरह मनुष्य को अंदर से खोखला कर देतीं हैं
श्री कृष्ण कहते हैं कि इन्द्रियों से परे बुद्धि, बुद्धि से परे मन और मन से श्रेष्ठ चेतना यानि आत्मा है, आत्मा के बिना कोई कर्म नहीं हो सकता है, शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो चरित्र का निर्माण करे
श्री कृष्ण कहते हैं कि यह शरीर ही वह क्षेत्र है जहाँ युद्ध होता है, शरीर में दो सेनायें हैं, एक पांडव अर्थात पुण्यमयी और एक कौरव अर्थात पापी, मनुष्य सदैव दोनों के बीच में ही उलझा रहता है
अंत तक पढ़ने के लिए सह्रदय धन्यबाद, ऐसी अन्य वेबस्टोरी पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें