श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान मानव जीवन और जीवन के बाद के जीवन दोनों के लिए लाभकारी है

गीता का अनुसरण करने वाला व्यक्ति हमेशा सफलता हासिल करता है. गीता मनुष्य को जीने का ढंग सिखाती है

गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मानव को जीने का ढंग सिखाता है. गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम का पाठ पढ़ाती है

गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है. गीता में श्रीकृष्ण ने बुद्धिमान व्यक्ति की खास पहचान बताई है.

गीता में श्री कृष्ण कहते हैं सबसे समझदार और स्थिर बुद्धि वाला व्यक्ति वही है जो सफलता मिलने पर अहंकार में नहीं आता और विफलता में गम में नहीं डूब जाता

गीता के अनुसार जिन्होंने आपको कष्ट दिया, कष्ट तो उन्हें भी मिलेगा और यदि आप भाग्यशाली रहे तो ईश्वर आपको यह देखने का अवसर भी देगा

श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार परमात्मा कभी किसी का भाग्य नही लिखते हैं. जीवन के हर एक कदम पर हमारी सोच, हमारा व्यहार और हमारा कर्म ही हमारे भाग्य लिखते हैं

जब भी हिम्मत टूटे तो एक बात हमेशा याद रखना, चाहे कोई आपके साथ हो या न हो पर ईश्वर आपके साथ है और हमेशा रहेगा

श्री कृष्ण  ने कहा है, समय कभी एक जैसा नहीं होता उन्हें भी रोना पड़ता है जो बेवजह दूसरों को रुलाते हैं

गीता में लिखा है, सिर्फ दिखावे के लिये अच्छा मत बनो, वो परमात्मा आपको बाहर से नहीं बल्कि भीतर से भी जनता है!