गौतम बुद्ध 27 वर्ष की आयु में संन्यासी बन गए थे। संन्यास के दौरान भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। जिस स्थान पर इन्हें ज्ञान हासिल हुआ उस स्थान को बोधगया कहा गया

महान गौतम बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, करुणा और शांति से जुड़े उपदेश दिए हैं. आइये जानते हैं गौतम बुद्ध के 10 ऐसे उपदेश, जो हमारी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं

क्रोध के बारे में- क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। हमेशा क्रोध में रहना, गर्म कोयले को किसी दूसरे पर फेंकने के लिए पकड़े रहने के सामान होता है। इसमें हमारा हाथ भी जलता है।

ईर्ष्या के बारे में- किसी के प्रति नफरत और ईर्ष्या रखने से जीवन में कोई भी खुशी नहीं प्राप्त की जा सकती। ईर्ष्या व्यक्ति के मन की शांति को खत्म कर देती है।

शंका के बारे में- शक से हमेशा बचना चाहिए। बेवजह किसी पर कभी भी शक नहीं करना चाहिए। शक लोगों को अलग कर देता है।

अज्ञानी के बारे में- अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं चाहिए। अज्ञानी व्यक्ति बैल के समान होता है। वह ज्ञान में नहीं, सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है।

दुख के बारे में- न ही सुख स्थायी और न ही दुख। बुरा समय आने पर उसका डटकर सामना करना चाहिए और हमेशा रोशनी की तलाश करनी चाहिए।

समय के बारे में- जो बुरा समय बीत गया हो उसको याद नहीं करना चाहिए। भविष्य के लिए सपने नहीं देखना चाहिए, बल्कि वर्तमान में ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

साधना के बारे में- जीवनभर बिना ध्यान के साधना करने की अपेक्षा जीवन में एक दिन समझदारी से जीना कहीं अच्छा है

सेहत के बारे में- व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे स्वास्थ्य का जिम्मेदार स्वयं होता है। इसीलिए खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए।

आध्यात्मिक जीवन के बारे में- जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसी ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।

सत्य के बारे में- तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकतीं सूर्य, चंद्रमा और सत्य।