Chanakya Niti : स्वागत है आप सभी का महान आचार्य चाणक्य की एक और नई नीति में 

महान आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि ईश्वर कहाँ हैं ? कौन व्यक्ति ईश्वर को कहाँ मानता है 

आचार्य चाणक्य बताते हैं कि यज्ञ, हवन आदि करने वाले व्यक्ति अग्नि को ही ईश्वर का रूप समझते हैं 

आचार्य चाणक्य का कहना है कि बुद्धिमान व्यक्ति अपने ह्रदय में ही ईश्वर के दर्शन करते हैं  

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कम बुद्धि वाले व्यक्ति मूर्ति को ईश्वर का रूप मानते हैं 

आचार्य चाणक्य का कहना है कि समदर्शी ज्ञानी पुरुष संसार के प्रत्येक प्राणी, वस्तु या स्थान में परमात्मा को देखते हैं 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि समदर्शी ज्ञानी पुरुषों के अनुसार ईश्वर घट - घटव्यापी है या कण - कण में विराजमान है 

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