Chanakya Niti : स्वागत है आप सभी  का महान आचार्य चाणक्य की एक और नई नीति में  

आचार्य चाणक्य ने सामाजिक जीवन से जुड़े तथ्यों का गहनता से अध्ययन करके विद्यार्थियों के जीवन में अध्ययन से सम्बंधित कुछ बातें बतायीं हैं

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि विद्यार्थी को क्रोध कतई नहीं करना चाहिए इससे उसका मस्तिष्क अशांत होता है और अध्ययन में मन नहीं लगता 

आचार्य बताते हैं कि विद्यार्थी को लोभ नहीं करना चाहिए इससे वो अपनी अध्ययन सम्बन्धी वस्तुओं को प्राप्त नहीं कर पाता किसके कारण उसके अध्ययन में रुकावटें आतीं हैं 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी को अपनी जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए, जीभ का चटोरापन नहीं होना चाहिए 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी को अपना बनाव - श्रंगार नहीं करना चाहिए, सादा ही रहना चाहिए 

चाणक्य बताते हैं कि विद्यार्थी को मेले ,तमाशों, फिल्मों आदि से दूर रहना चाहिए इससे उसकी एकाग्रता बनी रहेगी 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी को अधिक नहीं सोना चाहिए, अधिक सोने से समय व्यर्थ होता है 

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि विद्यार्थी को किसी की अधिक सेवा नहीं करनी चाहिए इससे वह अपना अमूल्य समय नष्ट करता है 

आचार्य चाणक्य  है को विधार्थी को सम्भोग नहीं करना चाहिए इससे उसके मन का भटकाव होता है 

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