जीवन में हर छोटे-बड़े आदमी को किसी न किसी बात को लेकर डर जरूर लगता है. किसी को अंधेरे से तो किसी को हार से तो किसी को परीक्षा से डर लगता है
डर इंसान के जीवन का एक हिस्सा है, लेकिन जब यह आदत में तब्दील हो जाता है तो वह व्यक्ति की उस कमजोरी का रूप ले लेता है, जो उसके जीवन में असफलता का बड़ा कारण बनती है
जीवन में डर अक्सर हमारी सोच के कारण पैदा होता है. मसलन, हमने यह मान लिया कि किसी चीज को हम नही कर सकते हैं, बस इसे नही कर सकते हैं, यही सोचना ही हमारा डर है
जीवन में डर को कभी भी अपने नजदीक न आने दो. यदि यह आपके नजदीक आ भी जाए तो इस पर हमला कर दो. कहने का तात्पर्य यह कि भय से भागो नहीं, बल्कि इसका डटकर सामना करो
किसी भी प्रकार के संकट या विपदा से तभी तक डरना चाहिए जब तक वे दूर हैं, लेकिन यदि वह सिर पर आ जाए तो किसी भी प्रकार का डर या फिर अपने में कोई शंका न रखते हुए उसे दूर करने का उपाय करना चाहिए