Khud Se Prem Karo I खुद से प्रेम करो एक बुराई खुद के अंदर से भी दूर करो किसी और का इन्तजार नहीं, खुद से प्रेम करो I यदि हम प्रेम से भरा जीवन चाहते हैं तो हमें प्रेम के बारे में सोचना चाहिये, यदि हम एक खुशनुमा जीवन चाहते हैं तो हमें अपने विचार खुशनुमा बनाने चाहिये, यदि हम एक सम्पन्न जीवन चाहते हैं तो हमें सम्पन्न विचार रखने चाहिये, हम मानसिक या शाब्दिक रूप से जो भी अभिवयक्त करते है, वह उसी रूप में हमरे पास वापस आता है I
Khud Se Prem Karo I खुद से प्रेम करो
Khud Se Prem karo खुद से प्यार करना बहुत ही आवश्यक है। प्रेम एक चमत्कारी दवा है। यदि आप अपने आप से प्यार करते हैं तो आपके जीवन में यह प्यार एक जादू की तरह से कार्य करता है। यहाँ मैं अपने प्रति सम्मान और अपने शरीर व दिमाग के चमत्कार के लिए आभार की भावना की बात कर रहा हूँ I

Khud Se Prem Karo खुद के प्रेम को किस तरह से महसूस करें
आप खुद के प्रेम को इस तरह से महसूस कर सकते हैं –
- प्रेम को आप अपने मस्तिष्क की प्रक्रिया, सौन्दर्य, अपना ज्ञान, अपने शरीर के क्रिया कलाप, अपने जीवित रहने की खुशी आदि से महसूस कर सकते हैं, आप चाहें तो और भी बहुत कुछ जोड़ कर खुद के प्रेम को महसूस कर सकते हैं।
लोग अक्सर खुद से कैसा व्यवहार करते हैं –
अब हम देखते हैं कि हम लोग अक्सर अपने आप से कैसा व्यवहार करते हैं –
- हमेशा अपने आप को बुरा – भला कहते हैं और अपनी आलोचना करते हैं।
- शरीर को गलत व नशीली वस्तुयें प्रदान करते हैं।
- हम यह मान लेते हैं कि हम प्यार करने के लायक नहीं हैं। हमें कोई भी प्यार नहीं करता।
- हम व्यवस्थित नहीं रहते।
- अपने ऊपर कर्ज लाद लेते हैं।
- आत्म शक्ति का न होना भी अपने आप से प्यार न करने का कारण है।
- हम अपने साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं जैसा हमारे माता पिता बचपन में हमें डांटते वक्त किया करते थे।
और भी बहुत कुछ है जो हम अपने साथ करते हैं यदि आप विचार करेंगे तो आपके सामने आ जायेगा।

Khuad Se Prem Karo I खुद से हमेशा प्रेम करो
- हमेशा खुद से प्रेम करो चाहे कोई आपसे प्रेम करे या न करे,
- खुद से प्रेम करो, खुद के लिए जिओ फिर देखो कि दुनिया कितनी खूबसूरत है,
- खुद से ही प्रेम करो धोखा मिलेगा तो तकलीफ नहीं होगी, नहीं तो ईश्वर से प्रेम करो फायदे में रहोगे,
- आप खुद से प्रेम करो क्योंकि जो मनुष्य स्वयं से प्रेम नहीं करता वह किसी और से प्रेम क्या करेगा,
- ईश्वर ने आपको जो जीवन दिया उस जीवन से प्रेम करो,
- जो भी कार्य आप करते है उस कार्य से प्रेम करो
स्वयं से प्रेम करने के तरीके
यहाँ मै आपको स्वयं से प्रेम करने के कुछ तरीके बता रहा हूँ जैसे –
- अपनी आलोचना न करें,
- अपने आप को माफ़ करें,
- स्वयं को डराएँ नहीं ,
- विनम्र, दयालु और धैर्यवान रहें,
- अपने मन के प्रति दयावान रहें,
- स्वयं की प्रशंसा करें,
- अपना समर्थन करें,
-
अपनी नकारात्मकताओं से प्रेम करें,
अब आप उक्त बिन्दुओं का विवरण देखें I
Khud Se Prem Karo I अपनी आलोचना न करें
सबसे पहले आप स्वयं की आलोचना करना बंद कर दें स्वयं को बिलकुल उसी रूप में स्वीकार करें जैसे की आप हैं, हर किसी में बदलाव आता है जब आप स्वयं की आलोचना करते हैं तो आपके नकारात्मक होते हैं और जब आप स्वयं को पसंद करते हैं तो आपके बदलाव सकारात्मक होते हैं I
अपने आप को माफ़ करें
अतीत को जाने दें, आप अपनी उस समय की समझ, जागरूकता और बुद्धि से जितना अच्छा कर सकते थे वह आपने किया, अब आप बड़े हो रहे है और बदल रहे हैं तथा अपना जीवन अलग तरीके से जियेंगे I
स्वयं को डराएँ नहीं
सदैव अपने विचारों से स्वयं को डराना बंद करें, यह जीने का एक भयानक तरीका है, एक मानसिक छवि की तलाश करें जो आपको ख़ुशी देती हो और जब भी कोई डरावना विचार आये फ़ौरन उसे एक सुखद विचार से बदल दें I
विनम्र, दयालु और धैर्यवान रहें
स्वयं के प्रति विनम्र, दयालु और धैर्यवान रहें, स्वयं के साथ ऐसा वर्ताव करें जैसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करते हैं जिसे आप सच में प्रेम करते हैं I
अपने मन के प्रति दयावान रहें
आत्म घृणा का मतलब है कि स्वयं से घृणा करना, स्वयं से अपने विचारों की उपस्थिति के लिए घृणा न करें, धीरे – धीरे अपने विचारों को जीवन की पुष्टि करने वाले विचारों में बदलें I
स्वयं की प्रशंसा करें
आलोचना आपकी आतंरिक भावना को तोड़ देती है जबकि प्रशंसा उसे ऊपर उठाती है, जितनी हो सके अपनी प्रशंसा करें, स्वयं को बताएं कि आप हर छोटे काम को कितनी अच्छी तरह कर रहे हैं I
अपना समर्थन करें
जब भी हो सके स्वयं का समर्थन करने के तरीके खोजें, मित्रों के पास जाएँ और उन्हें आपकी मदद करने दें, आवश्यकता होने पर मदद माँगना मजबूती की निशानी है I
अपनी नकारात्मकताओं से प्रेम करें
स्वीकार करें कि आपने किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उनका निर्माण किया था, अब आप उन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नए सकारात्मक तरीके तलाश कर रहे हैं, प्रेम से उन पुराने नकारात्मक तरीकों को मुक्त करें I

अपने आप से प्रेम करने के फायदे
यदि आप अपने आप से प्रेम करेंगें तो आपको ढेरों फायदे होंगें ,यदि हम अपने आप से कुछ ऐसा कहें कि “तुम लाजबाब हो” । “मैं तुम्हें प्यार करता हूँ”। इसी तरह से और बहुत सारे शब्द हैं जो हम अपने आप से कह सकते हैं।
मैं विश्वास के साथ यह कह रहा हूँ कि जब आप अपने आप को “जैसे हैं वैसे रूप” में प्यार करते हैं और स्वीकार करते हैं तो आपके जीवन में सब कुछ अच्छा ही अच्छा होता है। आपको ऐसा प्रतीत होगा कि आपके साथ छोटे छोटे चमत्कार हो रहे हैं। आपका स्वास्थ्य ठीक होगा, आपके पास अधिक धन आयेगा, आपके सारे रिश्ते अच्छे हो जायेंगे। आप ऐसा महसूस करेंगे कि यह सब कुछ आपके बिना किसी प्रयास के हो रहा है।
कैसे खुद से प्रेम करें
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यदि आप दर्पण के सामने अपना नाम बोलते हुए यह कहते हैं कि “मैं तुम्हें उसी रूप में प्यार और स्वीकार करता हूँ, जैसे कि तुम हो”। तो आपको वह मिलेगा जो आपने कभी सोचा भी नही होगा I

प्रेममय हो जाओ, दूसरे की ओर ध्यान देना प्रेम है, स्वयं के प्रति प्रेमपूर्ण होना ध्यान है, दूसरे की मौजूदगी का आनन्द प्रेम है, अपने एकांत का आनन्द ही ध्यान है. Khud Se Prem Karo खुद से भी प्रेम करो और सरे संसार को भी प्रेम बाँटों, ऐसा निष्काम प्रेम ही सच्ची प्राथर्ना है I
अपने अन्दर के आनन्द को खोज लेना और अपने आस – पास के सभी लोगों को आनन्दित करना अपनी परम खुशहाली के लिए है, यही वह आधार है जिसकी हमें जरुरत है I
मित्रों अपने आप को प्यार करें, अपने कार्य से प्यार करें, अपनी जिन्दगी से प्यार करें, अपनी वस्तओं से प्यार करें अपने परिजनों से प्यार करें, सभी से प्यार करें और अपने जीवन को सुखद बनायें। एक बार खुद से प्यार करके तो देखें। आपको सारी दुनिया प्यारी लगने लगेगी।
सहृदय धन्यबाद।
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