श्रीमद् भगवद् गीता से दस सीख I अपने बुजुर्गों को यह कहते अवशय ही सुना होगा कि श्रीमद् भगवद् गीता में जीवन का सार है, भगवान् श्री कृष्ण ने महाभारत काल में युद्ध के दौरान अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उस युद्ध में जीत हासिल करना पार्थ के लिए आसान हो गया था I इस लेख में दी गयी श्रीमद् भगवद् गीता से दस सीख को आप अपनी जिंदगी में शामिल करके अपने लक्ष्यों को आसानी से हासिल करने में सक्षम हों जायेंगें I

1- इस दुनियाँ में कोई भी कार्य अच्छा या बुरा बिना किसी कारण के नहीं होता है। प्रत्येक कार्य के पीछे कोई न कोई वजह अवश्य होती है।
2- आप जब भी कोई कार्य करें तो मन में यह विचार करें कि इस कार्य को करने वाला मैं नहीं हूँ, इसको करने वाला तो ईश्वर है मैं तो केवल एक कारण मात्र हूँ इसको करने के लिए। इस कार्य को मैं नहीं कर रहा हूँ बल्कि यह तो मेरे द्वारा करवाया जा रहा है।
3 – वासना, क्रोध और लालच से व्यक्ति का पतन होता है। इनसे हमेशा बचना चाहिए।
4 – दूसरों के गुलाम रह कर खुश रहने के बजाय आजाद रहकर खुद के दुःखों का सामना करना चाहिए।

5 – इंसान जब इस दुनिया में आता है तो खाली हाथ आता है और जब जाता है तो भी खाली हाथ जाता है। न तो कुछ साथ लेकर आता है और न ही कुछ साथ लेकर जाता है। इंसान को यहाँ जो कुछ भी मिलता है वो कल किसी और का था और कल किसी और का हो जायेगा। किसी भी चीज पर अंहकार नहीं करना चाहिए।
6 – आज आप अपनी जिन्दगी में जो कुछ भी हो केवल और केवल अपनी सोच की वजह से हो। अपने विश्वास की वजह से हो। अगर आपने अपने मन में किसी मंजिल को जीत लिया है तो उसे सच में जीतने में मात्र औपचारिकता ही शेष रह जाती है।
7 – इस दुनिया में सबसे शांत इंसान वो है जिसकी बुद्धि और आत्मा दोनों एक पक्ष में हैं। जिनका दिमाग और दिल एक तरफ है वो इंसान कभी भी खुश नहीं रह सकता। जिसके विचारों में बहुत सारी इच्छायें रहतीं हैं और जब इच्छायें पूरी नही होतीं हैं तो उसके अन्दर क्रोध पैदा होने लगता है। अगर आप अपने आप को काबू में करके वो कर पाते हैं जो आप करना चाहते हैं और जो वास्तव में सही है और आपको संतुष्टि देता है और जो कि वास्तव में आपको करना चाहिए तो आपको खुश रहने से कोई भी नही रोक सकता। खुशी एक मानसिक अवस्था होती है।

8 – कोई भी कार्य अच्छा या बुरा सिर्फ एक ही वजह से बनता है कि उसको करने के पीछे आपका इरादा कैसा है? आप उस कार्य को क्यों करना चाहते हैं? क्या आप उस कार्य को अपने निजी स्वार्थ के लिए कर रहे हैं या फिर इस लिए कर रहें हैं कि किसी का भला हो जाए? लेकिन उसका परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि आपका उद्देश्य सही है या बुरा?
9 – सच्चाई और अच्छाई को न कभी हराया जा सकता है और न कभी छिपाया जा सकता है। इसलिए सच कहने से और अच्छे कार्य करने से कभी मत डरिये। भगवान श्री कृष्ण ने यह भी कहा है कि यदि आप कोई ऐसा सच बोलते हैं जिससे किसी मासूम के साथ अन्याय होता हो तो ऐसा सत्य अच्छा नही होता है और यदि आप ऐसा असत्य बोलते हो जिससे किसी का भला होता है और किसी का नुकसान नही होता है तो ऐसा असत्य बुरा नही होता है। किसी का बुरा नही होना चाहिए। किसी के साथ अन्याय नही होना चाहिए। इस बात का ध्यान सदैव रखना चाहिए।
10 – अगर आप जिन्दगी में कुछ पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको संघर्ष करना पड़ेगा और यदि आप संघर्ष नही करना चाहते तो आपको इस बात का दुःख नही होना चाहिए कि आपको वह सब हासिल नही हुआ जो आप हासिल करना चाहते हैं।
श्रीमद् भगवद् गीता से सीख का उपयोग
यदि आप इन बातों को अमल में लाते हैं तो आपका जीवन खुशियों से भर जायेगा, आप अपने प्रत्येक लक्ष्यों को आसानी से हासिल करने हेतु सक्षम होंगें,आपके समस्त सम्बन्ध अच्छे होंगें, आप प्रयोग करके तो देंखें I
सहृदय धन्यबाद।
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