इच्छा शक्ति : Willpower क्या है ? इच्छा शक्ति : Willpower कैसे बढ़ायें ?
किसी भी कार्य को करने से पहले आपके अंदर उसे लेकर तड़प या बेचैनी महसूस होनी चाहिए, अगर आपमें उस कार्य को करने की बेचैनी नहीं है तो आप न तो उस कार्य के लिए कोई योजना बनाएंगे और न ही उसे कर दिखाने के लिए तैयार ही हो सकेंगे I
दिमाग में उन चीजों की ही छाप पड़ती है, जिन्हे, आप वास्तव में करना चाहते हैं, यही कारण है कि इच्छा इस कदर ताकतवर है और योजना तैयार करने में यह बड़ी भूमिका निभाती है, अगर वास्तव में आप कुछ करना चाहते हैं तो इसका मतलब यह होता है कि उसके बारे में आप कुछ न कुछ सोच रहे होते हैं, तब आप आप उसके बारे में हर समय कुछ न कुछ बातें भी कर रहे होते हैं और उसके बारे में कुछ न कुछ अलग विचार भी खोज रहे होते हैं I

जब आप उसके बारे में ढेर सारे विचार जुटा लेते हैं तब आपके लिए योजना बनाना ज्यादा आसान और ज्यादा आनंददायक हो जाता है, इच्छा शक्ति : Willpower आपको अपनी योजना के लिए जबाबदेह बनती है और इसके चलते आप जीत के लिए अपेक्षित योजना बनाने के लिए तैयार होते हैं I इच्छा शक्ति के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए आपको इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए I
इच्छा शक्ति : Willpower क्या है ? इच्छा शक्ति : Willpower कैसे बढ़ायें ?
शक्ति सफलता का शुरूआती बिंदु है, यह हमेशा याद रखें जिस तरह छोटी आग से कम गरमाहट मिलती है उसी तरह कमजोर इच्छा शक्ति से कमजोर परिणाम मिलते हैं I
मनुष्य की उपलब्धियों की सोच उसकी इच्छा शक्ति : Willpower पर निर्भर है I हम सब के जीवन में कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं जब हमे लगता है कि सब – कुछ गड़बड़ हो रहा है, ऐसी स्थिति में इच्छा शक्ति : Willpower ही आपकी मुशीबतों से लड़ने में मदद करती है, इस शक्ति के अन्तर्गत दृढ निश्चय, आत्मविश्वास, कार्य करने की अनवरत चेष्टा आदि गुण आते हैं I यह शक्ति मनुष्य के मुखमण्डल पर अपूर्व तेज उत्पन्न करती है और आँखों में सम्मोहन का जादू लाती है, सवाल यह है कि लोग अकसर असफल क्यों हो जाते हैं ? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि व्यक्ति अपनी इच्छा शक्ति : Willpower को अनदेखा कर देता है I
क्या है इच्छा शक्ति : Willpower ?
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जिन गुणों की आवश्यकता होती है उनमे सबसे अधिक महत्वपूर्ण है – “दृढ इच्छा शक्ति“, अन्य गुण जैसे – ईमानदारी, साहस, परिश्रम और लगन आदि, दृढ़ इच्छा शक्ति के अभाव में व्यर्थ हो जाते हैंI
अधिकांश ऐसा देखा गया है कि एक व्यक्ति के पास धन, बल और ज्ञान तो है किन्तु वह अपने जीवनकाल में कुछ भी नहीं कर पाता है क्योंकि उनमे इसी दृढ़ इच्छा शक्ति का अभाव होता है, इसके विपरीत ऐसे अनेकों व्यक्ति प्रसिद्द हो गए हैं जो साधन विहीन थे परन्तु अपने मनोबल के कारण वे कुछ न कुछ बन गए I
दृढ़ इच्छा शक्ति का मतलब है कि – “मैं यह कार्य करूँगा और करके ही रहूँगा चाहे जो भी हो” ऐसी बलवती इच्छा को जिसकी ज्योति कभी मंद न हो, दृढ़ इच्छा शक्ति कहलाती है, बहुत से लोग ठीक से निर्णय नहीं ले पाते कि वे क्या करें उनका मन हजार दिशाओं में दौड़ता है, वे दृढ़ इच्छा शक्ति के चमत्कार को क्या समझ सकते हैं I
इच्छा एक मार्गदर्शक की तरह है, इच्छा वह ऊर्जा उत्पन्न करती है जो आपको बिस्तर से अलग करती है, वह भी तब, जब आप बिस्तर छोड़ना नहीं चाहते, इच्छा आपको वह ताकत प्रदान करती है, जिससे आप मैराथन के आखिरी 100 मीटर दौड़ जाते हैं जबकि आपके लिए अगला कदम भी असंभव सा जान पड़ता है I इच्छा आपको कठिन चीजें करने की हिम्मत देती है, जो आपका प्रतिद्वंदी करने का इच्छुक नहीं होता, इच्छा ही प्रेरणा की जननी होती है, इच्छा आपको खींचकर फिनिश लाइन तक ले जाती है और आपको जीत दिलाती है I
यह भी पढ़ें – Geeta Updesh in Hindi : गीता के अनमोल उपदेश
दृढ इच्छा शक्ति आती कहाँ से है ?
इच्छा तब पैदा होती है, जब आपके जीवन में कुछ ऐसा घटित होता है, जो अचानक भविष्य के सन्दर्भ में आपको खुद को देखने का नजरिया बदल देता है I हम सब के जीवन में कुछ ऐसे पल जरूर होते हैं जो टर्निंग पॉइंट साबित होते हैं, कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जहाँ हमारे भविष्य की दिशा ही बदल जाती है, इन टर्निंग पॉइंट में कुछ नाटकीय घटनाक्रम सामने आते हैं और हो सकता है कि मामूली बदलाव ही बड़े कदम का इशारा बन जाएँ, यदि आप इन टर्निंग पॉइंट्स पर नजर बनायें रखेंगे और अपने उद्देश्य एवं लगन को खोज निकालकर उन्हें जीत की योजना, तैयारी और उम्मीद की प्रक्रिया में शामिल करेंगे तो आप निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेंगें I

दृढ़ इच्छा से ही मजबूत होती है वचनबद्धता और दृढता
हम सब जानते हैं कि जिंदगी बेहद कठिन है, हमारे लक्ष्य और सपनों को लेकर बनायीं गयी बेहतरीन योजनाएं अक्सर धरी की धरी ही रह जाती हैं इस लिहाज से हर शख्स के अंदर दो गुण अवश्य ही होने चाहिए, जो उसकी इच्छा और सफलता की चाहत में शुरू हुए सफर को जारी रख सकें, ये दो गुण हैं – वचनबद्धता और द्दढ़ता I आपके अंदर लक्ष्य पर खुद को केंद्रित रखने को लेकर उचित वचनबद्धता और उस दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहने की निरंतरता बरक़रार रहनी चाहिए जो सफलता के सफर में आपके जीवन में निश्चित रूप से आने वाली परेशानियों और झटकों से निपटने में आपकी मदद करे I
वचनबद्धता के गुण से आपको उन विचारों को हटाने में मदद मिलेगी जो आपको आपके सफर से भटका सकते हैं, क्योंकि जीवन के उतर – चढ़ाव किसी को भी आसानी से हतोत्साहित कर देते हैं और इंसान का ध्यान अपने लक्ष्य से आसानी से भटक जाता है I वचनबद्धता हमें किसी विशेष पूरा करने के लिए हम सबको एक सूत्र में बांधे रखती है, लोग वचनबद्ध होते हैं पता होता है कि खास परिणाम हासिल करने के लिए उन्हें खास तरह की चीजें भी करनी हैं, सरल शब्दों में वचनबद्धता, जो कि इच्छा से संचालित होती है, हमें सफर में बनाये रखती है ताकि हम अपने लक्ष्य तक पहुंचकर अंततः जीत दर्ज कर सकें I
दृढ़ इच्छा शक्ति से बढ़ती है योजना बनाने की क्षमता
डर एक खतरनाक हत्यारा होता है इच्छा का, विफलता का डर एक बड़ा कारण होता है कि लोग अपनी योजनाओं को लिखित रूप में रखने से टाल – मटोल करते हैं और नजरअंदाज कर देते हैं इसके अलावा योजना बनाना भी कठिन काम होता है I इच्छा ही सारा अंतर पैदा करती है कि आप गंभीरता से योजना बनाने वाले इंसान हैं या किसी सामान की तरह ही योजना पर महज एक नजर दौड़ा लेना चाहते हैं I
जब आप वाकई किसी चीज को चाह रहे होते हैं, जब आपको उस चीज की इच्छा होती है और आप उसे लेकर उत्साह में होते हैं तब आप उसे हासिल करने के लिए योजना बनाते हैं और तयारी करते हैं क्योंकि आप पाना चाहते हैं Iतब योजना आपके लिए कुछ ऐसी बन सकती है जिसे आप पाना चाहते हैं, बजाय कि कुछ ऐसा बनने के कि आपको करना ही है और हम सब जानते हैं कि जब हम हासिल करना ही है की सोच से काम करते हैं तब बेहतरीन काम करते हैं I
इस शक्ति को दृढ़ बनाकर आप अपनी सोच के अनुसार चीजों को पा सकते हैं, मनुष्य की इच्छा शक्ति और बौद्धिक संतुलन दो अमोघ शक्तियां हैं जिनके बल पर विकट से विकट परिस्थितियों का भी सामना किया जा सकता है I
यह भी पढ़ें – Management Lesson from Ramayan